इस स्कीम में सरकार करेगी EPF अकाउंट में कंट्रीब्यूशन, जानिए किसे होगा फायदा
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Jun 29, 2021 11:41 AM IST
Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana : सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से एक अहम फैसला किया है. इसमें रोजगार देने वाले और रोजगार पाने वाले दोनों को फायदा होगा. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जून को 'आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना' की डेडलाइन को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने का एलान किया. इस स्कीम को पिछले साल नवंबर में किया गया था, जिसकी अवधि 30 जून 2021 को समाप्त हो रही थी. महामारी की हालत को देखते हुए सरकार ने इस स्कीम को एक बार फिर आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इस स्कीम का मकसद एम्प्लॉयर और इम्प्लॉइज के प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PF Account) में कंट्रीब्यूशन कर मदद करना है. स्कीम में 18 जून तक 2021 तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों को 902 करोड़ रुपये का लाभ दिया जा चुका है. आइए जानते हैं स्कीम की डिटेल ...
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आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: किसे होगा फायदा
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का फायदा एम्प्लॉयर्स और इम्प्लॉइज दोनों को होगा. स्कीम के तहत नई नियुक्तियां करने वाले एंप्लॉयर्स को सब्सिडी दी जाएगी. सब्सिडी इंप्लॉइज और एप्लॉयर्स की ओर से दो साल के लिए किए गए रिटायरमेंट फंड कॉन्ट्रीब्यूशन यानी EPF को कवर करने के लिए होगी. EPF में इंप्लॉइज का 12 फीसदी और का 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन यानी कुल 24 फीसदी कंट्रीब्यूशन के बराबर सब्सिडी सरकार की ओर से दो साल के लिए एंप्लॉयर्स को दी जाएगी.
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किस तरह के इम्प्लॉइज होंगे कवर
स्कीम के तहत EPFO में रजिस्टर्ड कंपनी नियुक्त होने वाला हर वह नया इम्प्लाई कवर होगा, जिसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है. इसके अलावा इम्प्लॉई के पास यूएएन नंबर होना भी अनिवार्य है. इसके अलावा, अगर किसी इम्प्लॉई की सैलरी 15000 रुपये से कम है और वह ईपीएफओ का मेंबर है तो उसे इस योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब उसकी 1 मई 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच नौकरी गई हो. इस अवधि के दौरान इम्प्लॉई किसी ऐसी कंपनी से जुड़ा नहीं होना चाहिए जो ईपीएफओ के साथ रजिस्टर है.
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किस तरह के एम्प्लॉयर को फायदा
इस योजना के तहत सरकार ने 1,000 लोगों तक को नए रोजगार देने वाली कंपनियों को शामिल किया है. इसमें निर्धारित अवधि के दौरान इंप्लॉई व एंप्लॉयर दोनों की ओर से पीएफ अंशदान का भुगतान सरकार करेगी। वहीं 1,000 से अधिक लोगों को नए रोजगार देने वाली कंपनियों को प्रत्येक कर्मचारी के 12 फीसदी अंशदान का ही दो साल तक भुगतान करेगी.
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